बम-बम लहरी,बम-बम लहरी, तू ही नाशक,तू ही प्रहरी;
---कैलाश के उत्तुंग शिखर, तुम खिले पुष्प हम हुए भ्रमर, तुम पर ही अब दृष्टि ठहरी; बम-बम लहरी...
--- यह तेरा ही प्रताप है, मिट गए सब विलाप हैं, तुझसे भक्ति हुई गहरी... बम-बम लहरी
---तू ही था पहले तू ही बाद, गूंजा था जब वह शंखनाद, ताण्डव से सारी सृष्टि सिहरी; बम-बम लहरी...
---तू परमब्रह्म, तू रत्नाकर,
तेरी यह प्रेम सुधा पाकर,
धन्य हुई काशी नगरी;
बम-बम लहरी
---काशी का कंकर शंकर है,
क्रोधित तो रूद्र भयंकर है,
दस दिश उसकी आभा बिखरी;
बम-बम लहरी
उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख धार्मिक शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। उज्जैन बहुत ही पुराना शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर 12 साल में सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है । उज्जैन के प्राचिन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मन्दिरो की नगरी है। यहा कई तीर्थ स्थल है।
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