सप्तपुरियो में प्रमुख उज्जैन का प्राचीन नाम
उज्जयिनी हें, जिसे अवंतिका, विशाला, पद्मावती,
कनकश्रुंगा, प्रतिकल्पा, कुमुदवती,
स्वर्णशृंगा,अमरावती, भोगवती, हिरण्यवती, नभिदेश,
कुशस्थली, भी कहा गया है । उज्जयिनी भारत के मध्य
में स्थित उसकी परम्परागत सांस्कृतिक
राजधानी रही । यह चिरकाल तक भारत
की राजनीतिक धुरी भी रही । इस
नगरी कापौराणिक और धार्मिक महत्व सर्वज्ञात है।
भगवान् श्रीकृष्ण की यह शिक्षास्थली रही,
तो ज्योतिर्लिंग महाकाल इसकी गरिमा बढ़ाते हैं।
आकाश में तारक लिंग है, पाताल में हाटकेश्वर लिंग है
और पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है।
सांस्कृतिक राजधानी रही। यह चिरकाल तक भारत
की राजनीतिक धुरी भी रही। इस
नगरी कापौराणिक और धार्मिक महत्व सर्वज्ञात है।
भगवान् श्रीकृष्ण की यह शिक्षास्थली रही,
तो ज्योतिर्लिंग महाकाल इसकी गरिमा बढ़ाते हैं।
आकाश में तारक लिंग है, पाताल में हाटकेश्वर लिंग है
और पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है।
उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख धार्मिक शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। उज्जैन बहुत ही पुराना शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर 12 साल में सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है । उज्जैन के प्राचिन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मन्दिरो की नगरी है। यहा कई तीर्थ स्थल है।
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