हस्तरेखा के माध्यम से हथेली
की रेखाओं, हाथ तथा
उंगलियों की बनावट का
अध्ययन करके मालूम हो सकता
है कि व्यक्ति अपने जीवन में
कौन-कौन से काम कर सकता
है। यहां जानिए हस्तरेखा के
कुछ ऐसे योग, जिनसे मालूम हो
जाता है कि कोई व्यक्ति इंजीनियर या जहाज चालक बन
सकता है या नहीं...
1. जिस व्यक्ति की उंगलियां मोटी और नुकीली हो अंगूठा
छोटा, हथेली चौड़ी हो और ग्रहों के पर्वत चपटे हों तो
व्यक्ति मेकेनिकल इंजीनियर बन सकता है।
2. जिस व्यक्ति की उंगलियां चपटी, पतली और गोल होती
है। चंद्र पर्वत उच्च होता है एवं ऊपर बताए गए लक्षण भी हों
तो व्यक्ति विद्युत या किसी अन्य कम्पनी में इंजीनियर बन
सकता है।
3. जिस व्यक्ति के हाथ की सोम रेखा, आयु रेखा से मिल
रही हो एवं बुध, गुरु पर्वत उठे हुए हों, हृदय रेखा स्वच्छ हो तो
व्यक्ति के समुद्री जहाज चालक बनने की संभावनाएं रहती
हैं।
4. जिस व्यक्ति के हाथों की चारो उंगलियों के पर्वत चौड़े
हों, सूर्य पर्वत के नीचे मुद्रा का चिह्न हो तो व्यक्ति
वायुयान का चालक बन सकता है।
5. जिस व्यक्ति के हाथ में चंद्र पर्वत उच्च हो, वह नाविक
हो सकता है।
6. जिस व्यक्ति की मस्तक रेखा मंगल पर्वत पर जाए और मंगल
पर्वत उच्च हो, वह समुद्र सैनिक (सैलर) होता है।
उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख धार्मिक शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। उज्जैन बहुत ही पुराना शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर 12 साल में सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है । उज्जैन के प्राचिन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मन्दिरो की नगरी है। यहा कई तीर्थ स्थल है।
Sunday, 10 May 2015
हस्तरेखा का महत्व
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