जय श्री महाकाल
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का आज का भस्मारती श्रृंगार दर्शन 14_04_2016
उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख धार्मिक शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। उज्जैन बहुत ही पुराना शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर 12 साल में सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है । उज्जैन के प्राचिन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मन्दिरो की नगरी है। यहा कई तीर्थ स्थल है।
Wednesday, 13 April 2016
Tuesday, 12 April 2016
Saturday, 9 April 2016
Tuesday, 5 April 2016
सिंहस्थ के मद्देनजर उज्जैन नगर को कई स्थायी सौगातें मिली हैं
। इसी कड़ी में महाकाल मार्ग पर स्थित हरिफाटक चौराहे का निर्माण अत्यन्त उपयोगी साबित हो रहा है। हरिफाटक चौराहे का निर्माण कार्य सर्वप्रथम सिंहस्थ २००४ में हुआ था। सिंहस्थ २०१६ हेतु हुए इसके विस्तार ने इसे २००४ से कहीं ज्यादा उपयोगी व सुन्दर बना दिया है।#SimhasthUjjain2016 source: http://www.simhasthujjain.in/
उज्जैन सिंहस्थ की पहली प्रवेशाई जूना अखाड़े की प्रवेशाई का स्वागत करने उज्जैन पहुंचे मुख्यमंत्री
उज्जैन सिंहस्थ की पहली प्रवेशाई जूना अखाड़े की प्रवेशाई का स्वागत करने उज्जैन पहुंचे मुख्यमंत्री
हवाई पट्टी पर जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने की आगवानी
आज ५ अप्रैल मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान सपत्नीक जूना अखाड़े की पेशवाई का स्वागत करने उज्जैन पहुंचे। इस दौरान प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, श्री पारसचंद्र जैन, श्री माखन सिंह, डॉ.चिंतामणी मालवीय, डॉ.सत्यनारायण जटिया, श्रीमती मीना जोनवाल, डॉ.मोहन यादव, संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर, एडीजीपी श्री व्ही मधुकुमार, डीआईजी श्री राकेश गुप्ता, कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत, एसपी श्री एमएस वर्मा सहित अन्य उपस्थित रहे। #SimhasthUjjain2016
Source :http://www.simhasthujjain.in/
Source :http://www.simhasthujjain.in/
जूना अखाड़े की पेशवाई से हुआ सिंहस्थ का उद्घोष
जूना अखाड़े की पेशवाई से हुआ सिंहस्थ का उद्घोष
सिंहस्थ सन्दर्भ में हुए निर्माण कार्यों का लोकार्पण करने व जूना अखाड़ा की प्रवेशाई का स्वागत करने उज्जैन पहुंचे मप्र के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जूना अखाड़े के नीलगंगा पड़ाव स्थल पर अखाड़े के इष्ट देव की पूजा में सम्मिलित हुए। इस समय प्रवेशाई टॉवर चौराहे तक पहुँच चुकी है। सिंहस्थ कुम्भ महापर्व का उद्घोष करती यह भव्य प्रवेशाई ५ बग्गियों, ८ बैंड व २० घोड़ों से सुसज्जित है। पेशवाई में आचार्य महामंडलेश्वर श्री अवधेशानन्दगिरिजी, श्री नरेंद्रगिरिजी व श्री हरिगिरिजी सहित कई हज़ारों नागा साधु-सन्यासियों के साथ ही जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित हैं।
#SimhasthUjjain2016
Subscribe to:
Posts (Atom)