उज्जैन। इस बार सिंहस्थ
में मोबाइल ऐप
(एप्लीकेशन) का प्रयोग
ज्यादा होगा। इससे
सिंहस्थ क्षेत्र
की जानकारी मोबाइल के
माध्यम से
ही लोगों को मिल सकेगी।
इसके लिए मेला प्रशासन ने
14 मोबाइल ऐप के प्लान
तैयार किए हैं। गुरुवार
को आईटी व पर्यटन विभाग
के प्रमुख सचिव हरिरंजन
राव की अध्यक्षता में
सिंहस्थ के लिए
आईटी प्लान बनाने पर मंथन
किया गया।
सिंहस्थ से पहले इन एप
को कैसे तैयार
किया जा सकता है और
कितने एप बनाए जा सकते
हैं, इसके लिए गुरुवार
को होटल शिप्रा में
प्रमुख सचिव राव
की उपस्थिति में
प्रशासनिक
अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें
संभागायुक्त डॉ. रवींद्र पस्तोर,
आईजी वी मधुकुमार, कलेक्टर कवींद्र कियावत,
एसपी एमएस वर्मा, मेलाधिकारी अविनाश लवानिया,
एमडी एमपीएसईडीसी सेलेवेंद्रम, भोपाल के
आईटी कंसल्टेंट, मनीष विजयवर्गीय, सहायक आयुक्त
बीके शर्मा आदि शामिल थे।
आईटी आधारित सिंहस्थ की तैयारी के सिलसिले
में यह पहली बड़ी बैठक थी, जो आने वाले समय में
मील का पत्थर साबित हो सकती है।
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार हैरिटेज वॉक व
टूरिस्ट सर्किट बनाने की योजना पर भी बैठक में
सकारात्मक चर्चा हुई।
प्रोजेक्ट मैनेजर व जीआईएस कंसलटेंट
सिंहस्थ मेला कार्यालय में इस योजना को आगे
बढ़ाने के लिए प्रोग्राम प्रोजेक्ट मैनेजर व
जीआईएस कंसलटेंट नियुक्त करने का "ङस्ताव
भी सामने आया है। इन प्रस्तावों पर भोपाल में
निर्णय लिया जाएगा।
इन योजनाओं पर चर्चा
जीआईएस मेप : सिंहस्थ मेला क्षेत्र
की जानकारी देने के लिए यह मेप बनेगा। इससे
सिंहस्थ में आने वाले लोगों को मेला क्षेत्र
की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।
मोबाइल एप्लीकेशन : सिंहस्थ के समय शहर में आने
वाले लोगों को शहर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व
प्रमुख मंदिरों के स्थान की जानकारी मोबाइल के
जरिए मिल सकेगी।
नेविगेशन ऐप : दिशा बोध के लिए नेविगेशन ऐप
भी बनाया जा सकता है।
सेंट्रलाइज्ड हेल्प सेंटर : सिंहस्थ के दौरान हर
तरह की मदद तुरंत उपलब्ध कराने के लिए
सेंट्रलाइज्ड हेल्प सेंटर बनाने का प्रस्ताव।
ऑडियो गाइड : देश- विदेश से आने वाले
लोगों को गाइड के लिए विभिन्न भाषाओं में
ऑडियो गाइड सिस्टम व सेंटर स्थापित
किया जा सकता है।
उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख धार्मिक शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। उज्जैन बहुत ही पुराना शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर 12 साल में सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है । उज्जैन के प्राचिन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मन्दिरो की नगरी है। यहा कई तीर्थ स्थल है।
Saturday, 7 March 2015
सिंहस्थ मोबाइल एप्प
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