सिंहस्थ 2016 के लिये नगर निगम ने विशेष
कार्ययोजना को अंजाम देने के लिये निर्णय लिया है। सिंहस्थ के पहले
ही निगम द्वारा यातायात की सुविधा हेतु शहर भर में पचास से अधिक
हाईमास्ट लगाने की तैयारी की है, इसके बाद शहर हाईमास्ट
की रोशनी से चमक उठेगा। इसी के साथ ही सेतु निगम ने भी 11
पुलों की मरम्त का कार्य शुरू करने की घोषणा की है। नए बनने वाले
सभी पुलों पर रैलिंग लगाई जाएगी एवं शासकीय वनों की रंगाई-पुताई के
टेण्डर जून माह पूर्व लगाने के निर्देश मेला अधिकारी अनिवाश
लवानिया द्वारा संबंधित विभाग को दिये गये है। सड़क, पुल एवं
यातायात उप समिति की बैठक सिंहस्थ मेला कार्यालय में सिंहस्थ
प्राधिकरण के अध्यक्ष दिवाकर नातू की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
सिंहस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष श्री नातू ने बैठक में उप समिति के
सचिव को निर्देश दिये कि वे समिति के सदस्यों के साथ संपूर्ण
मेला क्षेत्र का निरीक्षण करें एवं समन्वय के साथ कार्य करें। बैठक में
उप मेला अधिकारी गोपाल डाड सहित लोक निर्माण, सेतू, सड़क
विकास निगम एवं यातायात पुलिस के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में उप
मेला अधिकारी गोपाल डाड ने उप समिति के दायित्वों पर प्रकाश
डालते हुए बताया कि यह उप समिति शहर के मार्गों का निरीक्षण कर
सड़कों एवं पुलों पर विद्युतीकरण व्यवस्था, भीड़़ को नियंत्रित करने
हेतु बैरिकेटिंग की व्यवस्था, पैन्टुन ब्रिज निर्माण की आवश्यकता एवं
एकांकी मार्गों की समीक्षा करेगी।
उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख धार्मिक शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। उज्जैन बहुत ही पुराना शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर 12 साल में सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है । उज्जैन के प्राचिन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मन्दिरो की नगरी है। यहा कई तीर्थ स्थल है।
Sunday, 15 March 2015
सिंहस्थ 2016 की तैयारिया
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