Tuesday, 17 February 2015

मल्लिकार्जुन


यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर
श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व
भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है। अनेक धार्मिक शास्त्र
इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व की व्याख्या करते हैं।
कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से
ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से
मुक्ति मिलती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जहां पर यह
ज्योतिर्लिंग है, उस पर्वत पर आकर शिव का पूजन करने से
व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होते हैं।

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