Sunday 8 February 2015

5 हजार साल बाद उज्जैन सिंहस्थ में ग्रह बरसाएंगे'अमृत'

12 साल बाद उज्जैन में वर्ष 2016 में लगने
जा रहा सिंहस्थ महाकुंभ विशिष्ट संयोग लेकर आ रहा है। 5118 साल
बाद सिंहस्थ के दौरान सिद्ध अमृत योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के
अनुसार यह स्थिति इस विशिष्ट अवसर को और भी खास
बनाएगी। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने
बताया कि ग्रहगोचर, चंद्रमास, नक्षत्र मेखला तथा कलियुग
की उत्पत्ति की गणना के अनुसार इस बार सिंहस्थ
सिद्ध अमृत योग की साक्षी में मनेगा। धार्मिक
दृष्टि से यह योग खास महत्व रखता है। प्राचीन
ग्रंथों की मान्यता के अनुसार सिंहस्थ के समय अमृत कलश
से कुछ बूंदें तीर्थनगरी अवंतिका में
शिप्रा नदी में गिरी थीं। सिंहस्थ के
समय शिप्रा जल के अमृत तुल्य हो जाने की मान्यता है।
पहली बार सिंहस्थ में
ग्रहों की स्थिति भी अमृत तुल्य बन
रही है।सिंहस्थ में दिव्य योग के साथ यह स्नान
22 अप्रैल 2016 : पहला स्नान चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को शुक्रवार के दिन
वरयान योग की साक्षी में तुला राशि का चंद्रमा सिद्ध
अमृत योग का निर्माण कर रहा है। इस योग
की साक्षी में सिंहस्थ के स्नान पर्व का शुरू
होना, मास पर्यंत शुभफल प्रदान करेगा।
6 मई 2016 : दूसरा स्नान वैशाख
कृष्ण अमावस्या को शुक्रवार के दिन अश्विनी नक्षत्र
की साक्षी में मेष राशि का चंद्रमा उदय काल में
अमृतसिद्धि तथा दिन में सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण कर रहा है।
अमावस्या के दिन ऐसा योगों का बनना सिद्ध अमृत योग कहलाता है।
9 मई 2016 : तीसरा स्नान वैशाख शुक्ल
तृतीया (आखातीज) को सोमवार के दिन
मृगशिरा नक्षत्र की साक्षी में सुकर्मायोग
अमृतसिद्धि योग का निर्माण कर रहा है। यह भी सिद्ध अमृत
योग की गणना में आता है।
21 मई 2016 :
शाही स्नान वैशाख शुक्ल पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा) पर शनिवार
के दिन विशाखा नक्षत्र में परिघ योग, विष्टि करण, तुला राशि तथा वृश्चिक
राशि के चंद्रमा के संधि काल में शुभ अभिजीत योग बनेगा।

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