Thursday 12 February 2015

उज्जैनी के बारे में

सप्तपुरियो में प्रमुख उज्जैन का प्राचीन नाम
उज्जयिनी हें, जिसे अवंतिका, विशाला, पद्मावती,
कनकश्रुंगा, प्रतिकल्पा, कुमुदवती,
स्वर्णशृंगा,अमरावती, भोगवती, हिरण्यवती, नभिदेश,
कुशस्थली, भी कहा गया है । उज्जयिनी भारत के मध्य
में स्थित उसकी परम्परागत सांस्कृतिक
राजधानी रही । यह चिरकाल तक भारत
की राजनीतिक धुरी भी रही । इस
नगरी कापौराणिक और धार्मिक महत्व सर्वज्ञात है।
भगवान् श्रीकृष्ण की यह शिक्षास्थली रही,
तो ज्योतिर्लिंग महाकाल इसकी गरिमा बढ़ाते हैं।
आकाश में तारक लिंग है, पाताल में हाटकेश्वर लिंग है
और पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है।
सांस्कृतिक राजधानी रही। यह चिरकाल तक भारत
की राजनीतिक धुरी भी रही। इस
नगरी कापौराणिक और धार्मिक महत्व सर्वज्ञात है।
भगवान् श्रीकृष्ण की यह शिक्षास्थली रही,
तो ज्योतिर्लिंग महाकाल इसकी गरिमा बढ़ाते हैं।
आकाश में तारक लिंग है, पाताल में हाटकेश्वर लिंग है
और पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है।

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